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पंजाब में धड़ल्ले से जलाई जा रही गेहूं की नाड़ जा चुकी है कई जाने हो चुके है बड़े हादसे सरकार तथा पर्शासन पूरी तरह फेल आसपास के राज्यों की हवा बिगड़ी

पराली के बाद अब पंजाब के किसान गेहूं की नाड़ को जलाकर पड़ोसी राज्यों की आबोहवा को खराब करने में लगे हैं। सेटेलाइट के जरिये प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल से 16 मई तक पंजाब के खेतों में गेहूं की नाड़ जलाने के कुल 8500 मामले सामने आ गए हैं। कुल मामलों में से 95 फीसदी पिछले 12 दिनों के हैं।माहिरों के मुताबिक अगर यही रफ्तार रही तो आने वाले दिनों में इन मामलों में बड़ा इजाफा देखा जा सकता है। सेटेलाइट के जरिये इन मामलों की मॉनिटरिंग 31 मई तक की जाएगी।वहीं, नाड़ जलाने के मामलों में वृद्धि के साथ ही पड़ोसी राज्यों की हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होने लगी है। इस वजह से लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है। गौरतलब है कि पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पंजाब सरकार को कई बार फटकार चुकी है। वहीं एनजीटी ने पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (पीपीसीबी) से ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एक्शन प्लान मांगा था। राज्य सरकारें पॉल्यूशन कंट्रोल और नाड व पराली की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कितनी गंभीर हैं, इन मामलों ने उसकी पोल खोल दी है।नाड़ जलाने के सबसे ज्यादा 1020 मामले गुरदासपुर से रिपोर्ट हुए हैं। कुल मामलों में 65% दो ही दिन में दर्ज हुए हैं। 15 मई को 529 और 16 मई को 143 केस सामने आए हैं। वहीं, तरनतारन में 769, फिरोजपुर में 750, अमृतसर में 678, मोगा में 504 और सीएम भगवंत मान के हलके संगरूर में 477 मामले सामने आ चुके हैं।

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