♦इस खबर को आगे शेयर जरूर करें ♦

जालंधर में दो फर्जी पुलिसकर्मियों ने युवकों से पुलिस में भर्ती के नाम पर ठग लिए लाखों रुपये तीन माह लगवाते रहे हाजिरी, वेतन न मिलने पर खुलासा

पंजाब के जालंधर में दो फर्जी पुलिसकर्मियों ने युवकों से पुलिस में भर्ती के नाम पर लाखों रुपये ठग लिए। तीन साल चली लंबी जांच के बाद अब पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए हैं। जालसाज इस कदर शातिर थे कि उन्होंने भर्ती का विश्वास दिलाने के लिए पुलिस मुख्यालय के बाहर रजिस्टरों पर फर्जी हाजिरी तक लगवा दी और उन्हें ड्यूटी के लिए अलग-अलग इलाकों में भेज दिया जाता था।

 

इसका भंडाफोड तब हुआ जब पीड़ित युवकों की तीन माह तक सैलरी नहीं आई। सारे मामले की जांच करीब तीन साल तक चली। इसके बाद जालंधर कैंट थाने की पुलिस ने कैंट के मोहल्ला नंबर-32 के रहने वाले अमित कुमार और बलविंदर कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल दोनों आरोपियों की तलाश की जा रही है। इसमें कई पुलिस मुलाजिमों की भूमिका भी सामने आ रही है, जिसकी जांच की जा रही है।पुलिस को दी गई शिकायत में जालंधर कैंट के रहने वाले चेतन ने बताया कि उसके पिता वेल्डिंग का काम करते हैं। जालसाज उनके पिता के पास आए और भर्ती करवाने का झांसा दिया। आरोपी ने उससे कहा कि वह पीएपी में दर्जा चार कर्मचारी की भर्ती करेगा। इसके लिए एक लाख रुपये लगेंगे। उसके दोस्त मनीष कुमार, विक्रम कुमार, सौरव कुमार, सुनील कुमार, नवीन, अभिषेक, मणि और अशोक कुमार ने मिलकर आरोपी को कुल नौ लाख रुपये दिए। पैसे लेने के बाद एक माह जब आरोपियों ने पीड़ितों को पुलिस लाइन में बुला लिया। जहां बलविंदर कुमार से पहली बार उनकी मुलाकात हुई।

बलविंदर सिंह ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मुलाकात करवाई, जहां ड्राइविंग टेस्ट कराया गया। कुछ देर बाद कहा गया कि टेस्ट में पास हो गए हैं। आरोपियों ने उन्हें अगले दिन पुलिस लाइन के बाहर मिलने के लिए कहा था। फिर यहां से फर्जी हाजिरी का सिलसिला शुरू हुआ। पहले तो आरोपियों ने पीएपी के बाहर बुलाकर फर्जी हाजिरी लगवानी शुरू की। 15 दिन तक ऐसे ही चला। हाजिरी लगवाने के बाद उन्हें घर भेज दिया जाता था। जालसाजी का शिकार युवकों को तीन माह तक वेतन नहीं मिला तो उनको शंका हुई। इसके बाद आला अधिकारियों से संपर्क किया गया तो पता चला कि उनके साथ ठगी हो गई है। इस पर शिकायत कमिश्नर पुलिस को की गई, जिसकी तीन साल तक लंबी जांच चली और मामला दर्ज कर लिया गया।

 

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button




स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

[responsive-slider id=1811]

जवाब जरूर दे 

ਲੋਕ ਸਭਾ ਹਲਕਾ ਜਲੰਧਰ ਇਸ ਵਾਰ ਕੌਣ ਬਣੇਗਾ ਤੁਹਾਡਾ ਮੈਂਬਰ ਪਾਰਲੀਮੈਂਟ ਆਪਣੀ ਰਾਏ ਜਰੂਰ ਦਿਓ

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Close
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 82529 92275