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पंजाब में फर्जी ट्रांसफर ऑर्डर से जेलों में शिफ्ट हो रहे कैदी, सहायक अधीक्षक समेत पांच गिरफ्तार
सूबे की जेलों में फर्जी ट्रांसफर ऑर्डर के आधार पर पसंदीदा जेल में शिफ्टिंग का खेल चल रहा है। आर्थिक लाभ लेकर इस पूरे खेल में जेल विभाग के कर्मी समेत दलाल सक्रिय हैं। पूरे नेक्सस का जिला पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में जेल विभाग के मुख्य कार्यालय चंडीगढ़ के सहायक अधीक्षक और क्लर्क समेत पांच लोग गिरफ्तार किए हैं। कुछ और की गिरफ्तारी की तैयारी है। जिन चार कैदियों से बरामद मोबाइल फोन से इस मामले का खुलासा हुआ, उनमें एक कत्ल और आर्म्स एक्ट के तहत जेल में बंद है। इस मामले में अब कई और जेलकर्मी व अधिकारी भी फंस सकते हैं।
एसएसपी कपूरथला वत्सला गुप्ता के निर्देश के बाद मॉडर्न जेल कपूरथला में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस ने हवालाती गुरजंट सिंह उर्फ बस्सी निवासी गांव पिंडी तरनतारन, गुरिंदर सिंह निवासी गांव पड्डे बेट ढिलवा कपूरथला, रमनदीप सिंह उर्फ जक्खू निवासी गांव अट्टा गोराया जालंधर व गुरसेवक सिंह उर्फ सेवक निवासी तरनतारन से तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। इनमें से एक मोबाइल से फर्जी ट्रांसफर ऑर्डर एडीजीपी-जेल की कॉपी की तस्वीर मिली। इसकी टेक्निकल सेल की ओर से जांच करने पाया कि रमनदीप सिंह उर्फ जक्खू ने यह फर्जी ट्रांसफर ऑर्डर व्हाट्सएप के जरिए वैभव शर्मा उर्फ अभि निवासी बंगा जिला नवांशहर को भेजे। इस पर पुलिस ने 22 फरवरी को गिरफ्तार कर उसका मोबाइल बरामद कर लिया।हवालाती रमनदीप सिंह से पूछताछ पर गुरदेव सिंह मालूवालिया निवासी तरनतारन को नामजद किया। बैंक खातों की जांच करने पर पाया कि रमनदीप सिंह ने डेढ़ लाख रुपये गौरव सिंह उर्फ सावन उर्फ गोलू निवासी मजीठा रोड अमृतसर को भेजे थे।
गौरव सिंह के बैंक खाते खंगालने पर रकम आगे से आगे होते हुए हरिंदर सिंह के खातों में गई लेकिन हरिंदर के दोनों खाते ही उसके गांव का जसप्रीत सिंह निवासी पटियाला चला रहा था। एटीएम भी वही इस्तेमाल कर रहा था। इस पर थाना कोतवाली की पुलिस ने जसप्रीत सिंह को पटियाला से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में जसप्रीत ने बताया कि वह मुख्य कार्यालय जेल, सेक्टर-17 चंडीगढ़ में बतौर क्लर्क तैनात है। वह जेल के कैदियों से विभिन्न खातों से पैसे मंगवाता था और इसमें से कुछ पैसे खुद रखकर बाकी रकम मुख्य कार्यालय जेल में ही तैनात सहायक अधीक्षक सिमरतपाल सिंह को देता था। दोनों मिलकर कैदी-हवालातियों के एक जेल से दूसरी जेल में तब्दील करने के फर्जी ऑर्डर तैयार करते थे। क्लर्क ने किन-किन कैदियों-हवालातियों के फर्जी ऑर्डर बनाए हैं, इसकी पूछताछ की जा रही है।
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