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पंजाब बंद के दौरान Moga में प्रदर्शनकारियों पर Firing, जांलधर में गाड़ी चढ़ने से 5 घायल,बठिंडा ,लुधियाना और फरीदकोट में नहीं दिखा बंद का असर

बुधवार को जालंधर में बंद का पूरा असर दिखा। दिन निकलते ही शहर में रोष प्रदर्शन कर रहे संगठनों की टीमों ने शहर में मार्च निकाला और छुटपुट खुली दुकानों को बंद करवाया। शहर के लगभग सभी बाजार बंद रहे। इसके अलावा अलग-अलग चौक-चौराहों पर धरना दिया गया।

भगवान वाल्मीकि समाज व संस्थाओं की कमेटियों ने गली-गली जाकर दुकानों को बंद करवाया। वहीं, कपूरथला चौक पर धरना दे रहे ईसाई भाईचारे के लोगों पर बोलेरो गाड़ी चढ़ गई। इसमें पांच लोग मामूली जख्मी हो गए। सूचना पाकर एसएचओ गुरप्रीत सिंह मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत करवाया।

मणिपुर अत्याचार विरोध एक्शन कमेटी ने बंद को लेकर जालंधर में सुबह 10 बजे से हाईवे पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। बीएसएफ चौक पर पुलिस ने बैरिकेडिंग की थी। भारी पुलिस फोर्स तैनात थी। हाईवे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम नहीं किए गए हैं। बंद के आह्वान के मद्देनजर निजी स्कूल और कॉलेज बंद थे।

वाल्मीकि समाज के अग्रणी नेता राजेश भट्टी व राजकुमार राजू का कहना है कि वे शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बाजार बेशक बंद रखे गए हैं लेकिन चिकित्सा सुविधाओं जैसी आपातकालीन सेवाओं को छूट दी गई। बंद के दौरान ड्यूटी पर तैनात एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और सैन्य वाहनों को नहीं रोका गया। भट्टी ने कहा कि जालंधर बंद पूर्ण रूप से शांतिपूर्वक रहा। प्रदर्शनकारियों को पहले ही कहा गया था कि हिंसा का रास्ता अख्तियार नहीं किया जाना चाहिए। वहीं, बाजार व मॉल्स 100 फीसदी बंद रहे। शराब के ठेके खुले थे लेकिन कुछ समय बाद वह भी बंद हो गए।

फरीदकोट जिले में नहीं दिखा बंद का असर

मणिपुर की घटनाओं को लेकर पंजाब बंद के आहवान का फरीदकोट जिले में कोई असर नहीं देखने को मिला। फरीदकोट और कोटकपूरा समेत जिले के सभी शहरों व कस्बों के बाजार आम दिनों की तरह खुले रहे। हालांकि इस दौरान विभिन्न संगठनों ने फरीदकोट व कोटकपूरा शहर में केंद्र सरकार के खिलाफ धरने देकर रोष मार्च निकाला और प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।

गुरदासपुर में दिखा बंद का असर

गुरदासपुर पूर्ण रूप से बंद रहा। हालांकि मेडिकल स्टोर सामान्य दिनों की तरह खुले रहे। इस दौरान मसीह भाईचारे ने रोष मार्च निकालकर खुली हुई दुकानों को बंद करवाया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मसीह भाईचारे के नेताओं ने कहा कि पिछले तीन महीने से मणिपुर में हालात बदतर बने हैं। महिलाओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है। लगातार 300 से अधिक धार्मिक स्थलों को आग लगा दी गई है जबकि तोड़फोड़ भी की जा रही है। इस घटना से कई मसीह भाईचारे के लोग बेघर हो चुके हैं लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने चुप्पी साध रखी है। मसीह भाईचारे के बंद का समर्थन दुकानदारों ने भी किया। उन्होंने अपनी दुकानें बंद रखीं। उधर, पुलिस भी मुस्तैद रही और सुरक्षा के कड़े प्रबंध थे। शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुलाजिम तैनात दिखे।

 

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