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ED ने आप विधायक के ठिकानों पर मारा छापा, 32 लाख की नकदी व मोबाइल जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा के ठिकानों पर छापे मारे थे। शुक्रवार को केंद्रीय एजेंसी ने जानकारी दी है कि उसने कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत आप विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी में 32 लाख रुपये नकद व कुछ मोबाइल फोन और हार्ड ड्राइव जब्त किए हैं।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड (24 सितंबर, 2018 को इसका नाम बदलकर मलौध एग्रो लिमिटेड रखा गया) के निदेशक जसवंत सिंह समेत अन्य आरोपी व्यक्तियों और उनके सहयोगियों के व्यावसायिक और आवासीय परिसरों पर तलाशी ली गई। लुधियाना, मलेरकोटला, खन्ना, पायल और धुरी में बलवंत सिंह, कुलवंत सिंह, तेजिंदर सिंह, उनके सहयोगियों के ठिकानों पर यह कार्रवाई की गई।

जसवंत सिंह गज्जन माजरा अमरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई ने गुरुवार को छापेमारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताया था। ईडी ने कहा कि फर्जी फर्मों से संबंधित साक्ष्यों को जब्त किया गया था। इसके माध्यम से तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड का कारोबार बढ़ाया गया और आरोपियों ने ऋण राशि को डायवर्ट किया था।

ईडी के मुताबिक तलाशी में परिसर से मोबाइल फोन, हार्ड ड्राइव और 32 लाख रुपये भी जब्त किए गए। मार्च में सीबीआई ने विधायक के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईडी ने सीबीआई की इसी प्राथमिकी के आधार पर धनशोधन मामले की जांच की।

दरअसल, बैंक ऑफ इंडिया की लुधियाना के मॉडल टाउन शाखा ने एकमात्र बैंकिंग व्यवस्था के तहत 23 सितंबर, 2011 को स्टॉक और बही ऋण के नजरबंदी के मुकाबले कुल 35 करोड़ रुपये की नकद ऋण सीमा पर ऋण स्वीकृत किया था। फरवरी 2014 में 6.00 करोड़ रुपये की तदर्थ सीमा भी मंजूर की गई थी, जिसे कंपनी द्वारा चुकाया जाना बाकी है। ईडी ने कहा कि टीसीएल के खाते को 31 मार्च 2014 को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) घोषित किया गया था।

कुल बकाया 76 करोड़ रुपये है और जसवंत सिंह, बलवंत सिंह, कुलवंत सिंह और तेजिंदर सिंह तारा कॉर्पोरेशन लिमिटेड के ऋण खाते में निदेशक और गारंटर थे।जब मई 2016 में बैंक द्वारा एक नई आरओसी (कंपनियों के रजिस्ट्रार) की तलाशी शुरू की गई तो यह देखा गया कि कंपनी के निदेशकों (बैंक की पूर्व अनुमति के बिना) को बदल दिया गया और कृपाल सिंह तिवाना, हरीश कुमार और लखबीर सिंह को टीसीएल का निदेशक नियुक्त किया गया था और प्रमुख व्यक्ति बलवंत सिंह ने निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था।

बाद में बलवंत सिंह को भी 25 मई, 2016 से कंपनी के निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त किया गया था। एजेंसी ने कहा कि उपलब्ध सूचना के आधार पर उक्त व्यक्तियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच शुरू की गई ताकि अपराध की आय को वैध बनाने के लिए की गई मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों का पता लगाया जा सके।

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