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पंजाब की सभी पंचायतों को समय पूर्व भंग करने की याचिका पर हाईकोर्ट का सवाल यह फैसला कैसे जनहित में है इसे स्पष्ट किया जाए

याचिका दाखिल करते हुए पटियाला की विभिन्न पंचायतों ने बताया कि प्रदेश में 2019 में पंचायत चुनाव हुए थे और इन सभी का कार्यकाल 2024 तक है। इस सब के बावजूद पंजाब सरकार ने तय समय से पूर्व पंचायतों को भंग करने का निर्णय लिया गया है। इसी के तहत 10 अगस्त को अधिसूचना जारी करते हुए सभी ग्राम पंचायतें भंग कर दी गईं और विकास कार्य प्रभावित न हों इसके लिए अधिकारियों को प्रशासक के तौर पर नियुक्ति दे दी गई है।

याची ने कहा कि सरकार को चुनाव की घोषणा करने का अधिकार है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार तय कार्यकाल से पूर्व ही चुनाव की घोषणा कर पंचायतों को भंग कर दे। ऐसे में सरकार की 10 अगस्त की अधिसूचना अवैध, मनमानी और न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है। सरकार इस अधिसूचना के माध्यम से 31 दिसंबर से पहले पंचायत चुनाव करवाना चाहती है, जबकि उस तिथि तक पूर्व की चयनित पंचायतों का कार्यकाल ही पूरा नहीं होता है।

हाईकोर्ट ने पंचायतों को भंग करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा तो बताया गया कि जनहित में यह निर्णय लिया गया है। अब हाईकोर्ट ने सरकार को मंगलवार दोपहर तब बताने का आदेश दिया है कि कैसे समय से पहले पंचायतों को भंग करने से जनहित जुड़ा है।

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