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Manish sisodiya की गिरफ्तारी से डर में Gov Punjab , शराब नीति का Online फार्म Website से हटाया

दिल्ली के शराब घोटाले की आंच पंजाब में आप सरकार की आबकारी नीति तक पहुंच गई है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पंजाब सरकार भी अपनी नीति को लेकर चुप्पी साधती दिखाई दे रही है। सरकार ने अपनी शराब नीति के तहत लाइसेंस के नवीनीकरण का ऑनलाइन फॉर्म जारी करने के एक दिन बाद वेबसाइट से हटा दिया है।

इस बीच कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे की मांग के साथ ही पंजाब की आबकारी नीति की ईडी से जांच की मांग तेज कर दी है। हालांकि, पिछले साल एक जुलाई को लागू की गई नीति को जुलाई 2022 में ही हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई थी लेकिन दिल्ली की आप सरकार के उपमुख्यमंत्री की गिरफ्तारी ने पंजाब में विपक्ष को सरकार पर चौतरफा हमला करने का मौका दे दिया है।

दिल्ली में शराब घोटाले की जांच में जुटी सीबीआई और ईडी ने पिछले साल पंजाब में भी छापेमारी करते हुए दो सीनियर अफसरों से पूछताछ की थी लेकिन पंजाब की नई आबकारी नीति को लेकर अभी कोई जांच शुरू नहीं हुई है।

गौरतलब है कि भगवंत मान सरकार ने पिछले साल नई आबकारी नीति इस बात पर जोर देते हुए लागू की थी कि इससे सूबे में शराब के दाम गिरेंगे लेकिन इस नीति का खाका लगभग दिल्ली की आबकारी नीति जैसा ही होने के कारण शराब के छोटे कारोबारी अदालत पहुंच गए। दरअसल, नई नीति के तहत पंजाब में इंडियन मेड फारेन लिकर (आईएमएफएल) और बॉटल्ड-इन-ओरिजिन (बीआईओ) ब्रांडों के लिए थोक शराब लाइसेंस का 70 प्रतिशत आवंटन ब्रिंडको और अनंत वाइंस नामक दो कंपनियों को कर दिया गया। इससे छोटे कारोबारी शराब का सीधे तौर पर बिजनेस करने से वंचित हो गए और उनके लिए उक्त दो बड़ी कंपनियों के अधीन रहकर कारोबार करना मजबूरी बन गया।

विशेष बात यह भी रही कि पंजाब सरकार ने जिन दो कंपनियों को शराब बेचने का एकाधिकार सौंपा, उन दोनों के खिलाफ सीबीआई दिल्ली में पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है और इस मामले की जांच में ईडी भी शामिल हो चुकी है। सितंबर 2022 में ईडी ने सूबे के तत्कालीन आबकारी व कराधान आयुक्त वरुण रूजम और तत्कालीन संयुक्त आयुक्त नरेश दूबे के चंडीगढ़ स्थित आवास पर छापेमारी के अलावा दोनों अधिकारियों से पूछताछ भी की गई थी।

पंजाब आबकारी नीति की ईडी संभाले जांचः बाजवा

मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने मंगलवार को पंजाब की शराब नीति की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच कराने की मांग की। बाजवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सरकार बनाने के बाद इसी तरह की आबकारी नीति सूबे में भी लागू की थी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं।

पंजाब में भी आबकारी नीति में भ्रष्टाचार की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बाजवा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार की शराब नीति भी सवालों के घेरे में आ गई है क्योंकि इसने कुछ शराब कंपनियों और व्यापारियों को अनुचित समर्थन दिया है जबकि अन्य को प्रतिस्पर्धा से बाहर कर दिया है।

मंगलवार को जारी एक बयान में बाजवा ने कहा कि पंजाब में आप सरकार की नई आबकारी नीति, जो एक जुलाई से लागू हुई है, का उद्देश्य शराब की कीमतों को कम करके राजस्व बढ़ाना है। बाजवा ने कहा कि अब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय को पंजाब की शराब नीति पर अपनी जांच जारी रखनी चाहिए ताकि इसे तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके।

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