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Security में 08 जवान तैनात… फिर कैसे हो गई हिंदू नेता की हत्या, Punjab police पर उठे सवाल
पंजाब के अमृतसर में शिवसेना नेता सुधीर सूरी की शुक्रवार शाम को दिनदहाड़े बाजार में हत्या करने के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। घटना से माहौल तनावपूर्ण हो गया है। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल मौजूद थे। इसके बावजूद एक युवक सूरी पर फायर कर कोठी में घुस गया। कुछ पुलिस कर्मचारी हमलावर के पीछे कोठी की तरफ भागे। मगर वहीं दो पुलिस कर्मचारी हाथ बांधे घटनास्थल पर मूक दर्शक बने रहे।
गोपाल मंदिर के सामने प्रदर्शन कर रहे शिवसेना नेता की हत्या के बाद शिवसैनिकों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने आसपास की दुकानों में तोड़फोड़ की और एक कार के शीशे भी तोड़ डाले। शिवसैनिकों ने खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा पुलिस को नाकाम बताया। घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों ने इलाके को सील कर दिया है।
बता दें कि शिवसेना नेता सुधीर सूरी को आतंकी धमकी मिलने के बाद आठ सुरक्षाकर्मी और दो ड्राइवर मिले थे। इसके अलावा उनके निवास पर भी पांच हथियारबंद सुरक्षा कर्मी भी तैनात थे। पिछले साल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने के बाद से ही वह आतंकियों के निशाने पर थे।
वायरल वीडियो मामले में जंडियाला गुरु की पुलिस ने हिंदू नेता सुधीर सूरी के खिलाफ केस दर्ज किया था और उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी। वहीं पुलिस कमिश्नर अरुणपाल सिंह ने सुरक्षा के सवाल पर कहा कि सुधीर सूरी को पर्याप्त सुरक्षा मिली थी लेकिन कितने पुलिस कर्मी तैनात थे इसकी जानकारी उनके पास नहीं है।
पंजाब में तनाव का माहौल, हिंदुओं में आक्रोश
सुधीर सूरी की पुलिस अधिकारियों के सामने हत्या से पंजाब में तनाव का माहौल बन गया है। वहीं हिंदू नेताओं में आक्रोश पैदा हो गया है। भाजपा नेता अमित तनेजा का कहना है कि पंजाब सरकार प्रो-खालिस्तानी है। यह किसी से छिपा नहीं है कि अरविंद केजरीवाल 2017 के चुनाव में आतंकवादी की कोठी में ठहरे थे। हिंदू नेताओं में रोष है और केंद्र सरकार कभी भी पंजाब में काला दौर वापस नहीं आने देगी लेकिन पंजाब सरकार को हिंदू नेताओं की सुरक्षा यकीनी बनानी चाहिए।
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