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वारिस Punjab दे संगठन के नए जत्थेदार Amritpal की गतिविधियां संदिग्ध, खुफिया एजेंसियां सतर्क
वारिस पंजाब दे संगठन के नव नियुक्त जत्थेदार अमृतपाल सिंह की गतिविधियों पर केंद्रीय खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। एजेंसियों ने इस बारे में पंजाब सरकार को सतर्क कर अमृतपाल से संबंधित जानकारी मांग ली है। एजेंसियां अमृतपाल के भाषण और विचारधारा को देश की अखंडता को प्रभावित करने वाला मान रही हैं। उधर, हिंदू संगठनों ने भी अमृतपाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि अमृतपाल खालिस्तानी आंदोलन को हवा दे रहे हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की सीमा के आसपास तैनात सुरक्षा व गुप्तचर एजेंसियों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। राज्य सीआईडी और आईबी के कुछ गुप्तचर एजेंटों ने शनिवार को अमृतपाल के गांव जंडुपुर खेरा का भी दौरा किया है। कुछ अधिकारी गांव के लोगों और बुजुर्गों से मिले और जानकारी हासिल की। उनके परिवार के सदस्यों से भी संपर्क किया गया है। इस दौरान पता चला कि 2012 से पहले ही अमृतपाल का परिवार दुबई चला गया था। वहां परिवार ने ट्रांसपोर्ट का काम शुरू कर दिया। 2013 में दुबई में ट्रांसपोर्ट का कामकाज खुद देखने लगा। एजेंसियां इसी गांव के आतंकी गुरदीप सिंह खेरा से भी उसके संबंधों को खंगाल रही हैं। खेरा फिलहाल जेल में बंद है। अलग-अलग सिख जत्थेबंदियों व एसजीपीसी की ओर से जिन बंदी सिहों की रिहाई के लिए आवाज उठाई जा रही है, उनमें गुरदीप सिंह खेरा भी है।
अमृतपाल की दस्तारबंदी में शामिल हुए खालिस्तानी समर्थक
गांव रोडे में बीते गुरुवार को अमृतपाल सिंह की दस्तारबंदी में ऐसे संगठन के सदस्य भी शामिल हुए जिनका किसी न किसी रूप में खालिस्तानी दहशतगर्दी से संबंध रहा। मंच से भी खालिस्तानी नारे लगाए गए। बब्बर खालसा, प्रतिबंधित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन और पूर्व में बैन रहे संगठनों के पुराने सदस्य भी इसमें दिखे।
दो माह पहले अकेला आया था पंजाब, परिवार दुबई में
अमृतपाल दो माह पूर्व दुबई से अकेला ही पंजाब आया था। एजेंसियां इसे लेकर भी सतर्क हैं कि अमृतपाल के चाचा, ताया, पिता-माता और खून के रिश्ते का कोई संबंधी उसके साथ यहां क्यों नहीं आया। गांव में जांच करने गए गुप्तचर विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि लोगों ने बताया कि वह काफी शर्मीला था। पढ़ाई में भी औसत ही था। खालिस्तानी विचारधारा का पाठ उसे दुबई में ही पढ़ाया गया है। अब एजेंसियां उस नेटवर्क को तलाश रही हैं, जिन्होंने खालिस्तानी आंदोलन को चलाने की ट्रेनिंग दी।
डीजीपी बोले- गतिविधियों पर नजर
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव का कहना है कि सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
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