
गैंगस्टरों पर क्यों लिया सबसे बड़ा एक्शन, इन 50 ठिकानों पर छापे, जानें- निशाने पर कौन-कौन
कुख्यात गैंगस्टरों और आतंकियों के गठजोड़ को खत्म करने के लिए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने बड़े स्तर पर अभियान छेड़ दिया है। सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब, हरियाणा, यूपी के अलावा दिल्ली-एनसीआर में 50 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे। जांच एजेंसी ने छह पिस्तौल, एक रिवॉल्वर, एक बंदूक, गोला बारूद के साथ ड्रग्स, नकदी, डिजिटल उपकरण, बेनामी संपत्ति का विवरण, धमकी पत्र सहित आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए। एनआईए की कार्रवाई देर शाम तक जारी रही।
एनआईए ने बताया कि 26 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत दो एफआईआर दर्ज की थीं। उन्हीं केसों को एनआईए ने दोबारा दर्ज कर कार्रवाई की है। एनआईए के मुताबिक, प्रारंभिक जांच से पता चला कि अपराधियों के गिरोह आम जनता में भय बनाने के लिए लक्षित हत्याओं को अंजाम दे रहे थे। आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए गिरोह ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के जरिये फंड भी जुटा रहे थे। भारत और विदेश में गिरोह की मदद कर रहे लोगों की पहचान कर ली गई है। उनके खिलाफ मामले भी दर्ज किए जा रहे हैं।
इन जगहों पर मारे गए छापे
एनआईए ने एनसीआर के अलावा पंजाब के फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर साहिब, मोगा, तरनतारन, अमृतसर, लुधियाना, मोहाली, चंडीगढ़, हरियाणा के भिवानी, यमुनानगर, सोनीपत, झज्जर और राजस्थान के हनुमानगढ़, गंगानगर में छापे मारे।
ये गैंगस्टर रहे निशाने पर
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, जग्गू भगवानपुरिया, रवि, शुभम, सोनू कंगला, गौरव पत्याल, नीरज बवाना, अमित डागर, काला जठेड़ी, बांबिया और कौशल चौधरी के कई ठिकानों पर दबिश दी गई। टीम ने सभी गैंगस्टरों के परिजनों से पूछताछ के अलावा जरूरी दस्तावेज भी जब्त किए हैं। गैंगस्टरों के गिरोह और इनका देश-विदेश में फैला तंत्र एजेंसी के निशाने पर है।
गृह मंत्रालय ने दी हरी झंडी
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या और बॉलीवुड स्टार सलमान खान को जान की धमकी मिलने के बाद इन गिरोहों के खिलाफ मुहिम को गृह मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजीत डोभाल और आईबी प्रमुख की बैठक में इन गिरोहों को जड़ से खत्म करने की सहमति बनी थी।
शिक्षित बेरोजगार युवाओं को मिलाते हैं साथ
यह गिरोह लक्षित हत्या, जबरन वसूली में लिप्त हैं। इसके लिए शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अपने गिरोह में शामिल करते हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह सारे गिरोह हाईटेक हैं और इंटरनेट व अन्य तकनीक से काम को गोपनीय तरीके से अंजाम देते हैं। खास बात यह है कि मूलत: पंजाब और हरियाणा के ये गिरोह अब पूरे देश में नेटवर्क बना रहे हैं। इनके कुछ सदस्य विदेश में भी अपराध को अंजाम दे रहे हैं।
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