
Sad News – Punjab के झंडा में घग्गर का बांध टूटा Sirsa में अब बाढ़ का खतरा बढ़ा, 5 गांव के चपेट में आने की आशंका
सिरसा में घग्गर नदी का जलस्तर कम होने का अब नाम नहीं ले रहा है। जिले में घग्गर नदी अब तक पांच जगह से बांध टूट चुके है। जिसके कारण 10 गांवों की स्थिति काफी खराब हो चुकी है। हालांकि अभी तक किसी गांव में पानी नहीं भरा है। वहीं अब सिरसा के साथ लगते पंजाब के गांव झंडा से घग्गर नदी का तटबंध टूटने के कारण पानी तेजी से सिरसा के गांवों की तरफ पहुंच रहा है। जिसके चलते मुसाहिबवाला पनिहारी सहित इसके आसपास के गांवों की स्थिति अब ओर खराब होने का डर बना हुआ है। किसान व ग्रामीण अब गांव को बचाने में लगे हुए है और खेतों की तरफ के तटबंधों को तोड़ रहे है।
गांवों के तटबंधों को मजबूत करने में लगे हुए अधिकारी व ग्रामीण
वहीं घग्गर नदी में अभी भी सरदूलगढ़ से 52 हजार क्यूसेक पानी पहुंच रहा है। मीरपुर से टूटा घग्गर का छोटे तटबंध के कारण अब पानी घग्गर के बड़े तटबंध के साथ ओटू हैड तक पहुंच गया है। जिसके कारण घग्गर नदी के बीच में बोई सात हजार एकड़ फसल में चार से पांच फुट तक जलभराव हो गया है। ऐसे में घग्गर के बीच में स्थिति छोटे पुल भी अब बंद हो चुके है और गांवों का एक दूसरे के साथ संपर्क टूटा चुका है। प्रशासनिक अधिकारी लगातार गांवों के तटबंधों का निरीक्षण कर रहे है।
बैग लगाकर तटबंध मजबूत किए गए
अधिक खतरे वाले गांवों में अब तटबंधों पर मिट्टी के बैग लगाकर उसे मजबूत किया जारहा है। ताकि घग्गर का पानी गांव में न भर सके। वहीं पनिहारी क्षेत्र के 10 गांवों के साथ घग्गर का पानी लग चुका है। घग्गर इससे बुर्ज कर्मगढ़ गांव के चारों तरफ से पानी भर चुका है। हालांकि नेशनल हाईवे के मुख्य रोड पर जलभराव की स्थिति न होने के कारण यहां पर आवाजाही हो रही है।
रानियां और ऐलनाबाद के गांवों में अब बढ़ा खतरा
जिले में बीते दिन 54 हजार क्यूसेक पानी पहुंचा था। घग्गर के छोटे तटबंध टूटने के बाद बड़े तटबंधों के साथ लगते हुए घग्गर का पानी अब ओटू हेड तक पहुंच गया है। राजस्थान कैनाल में पानी निकासी की क्षमता कम होने के कारण अब ऐलनाबाद और रानियां के कई गांवों में खतरा बढ़ गया है। हालांकि इस क्षेत्र के गांव बणी में पहले से ही लोगों ने सामान निकाल लिया और पलायन कर गए है। अधिकारियों की ओर से लगातार लोगों को पलायन न करने के लिए अपील की जा रही है। घग्गर नदी का छोटा तटबंध टूटने के कारण अब 10 हजार एकड़ तक फसल खराब हो चुकी है।
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