
National Investigation Agency (NIA) ने 3 राज्यों की पुलिस से मिलाया हाथ, Gangsters के नेटवर्क को ध्वस्त करने की तैयारी
जेलों में बंद गैंगस्टर्स विदेश में बैठे साथियों की मदद से आज भी अपना नेटवर्क चला रहे हैं। इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस के साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाथ मिला लिया है। इस संबंध में एनआईए महानिदेशक दिनकर गुत्ता की अध्यक्षता में पंचकूला में उच्चस्तरीय अंतर राज्य समन्वय बैठक हुई। इसमें हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के डीजीपी समेत खुफिया एंजेसियों के अधिकारी शामिल थे।
बैठक में उत्तर भारत में सक्रिय अपराधियों और उनके नेटवर्क को सूचीबद्ध करने के लिए संयुक्त समिति बनाने का निर्णय लिया गया। इस समिति में एनआईए के साथ हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के पुलिस अधिकारी शामिल रहेंगे। हर माह इस समिति की बैठक होगी और ये आपस में गैंगस्टर्स के नेटवर्क की सूची साझा करेंगे।
संगठित आपराधिक आतंकी सिंडिकेट के खतरे से निपटने के लिए एनआईए के महानिदेशक ने यह दूसरी बैठक बुलाई थी। बैठक में एनआईए के अलावा हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों ने आपराधिक सिंडिकेट से जुड़े गैंगस्टरों, उनकी कार्यप्रणाली और प्रमुख व्यक्तियों के बारे में जानकारी साझा की।
जेलों से चल रहे सिंडिकेट बने चुनौती
आपराधिक और आतंकी गठजोड़ के चलते जेलों में बंद होने के बाद भी गैंगस्टर गुर्गों से वारदातों को अंजाम दिला रहे हैं। एनआईए ऐसे तीन मामलों की जांच कर रही है। बैठक में जेलों से चल रहे सिंडिकेट की कार्यप्रणाली पर एनआईए ने अपनी रिपोर्ट रखी। इसके अलावा गवाहों की सुरक्षा योजना के साथ-साथ गैंगस्टरों के खिलाफ मुकदमों की तेजी से ट्रैकिंग की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
विदेश में बैठे अपराधियों के प्रत्यर्पण पर जोर
विदेश में बैठे अपराधियों के धमकी देने और गिरोह चलाने पर भी बैठक में चर्चा हुई। कनाडा, यूएस और पुर्तगाल समेत अन्य देशों में छिपे गैंगस्टर्स के प्रत्यर्पण के लिए प्रयास करने पर जोर दिया गया। हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने आपराधिक सिंडिकेट के नेटवर्क को तोड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई पर जोर दिया। वहीं, पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि विदेश में बैठे बदमाशों पर कार्रवाई जरूरी है। चंडीगढ़ के डीजीपी प्रवीर रंजन ने कहा कि अपराधियों और गैंगस्टरों के बीच बढ़ती सांठगांठ, उनके अंतरराज्यीय संबंध चिंता का बड़ा कारण हैं। उत्तर भारत के राज्यों में फैले इनके गुर्गों पर कार्रवाई के लिए संयुक्त प्रयास जरूरी हैं।
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