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शाम 6 से रात 9 बजे के बीच सबसे अधिक Road Accidents, सड़क परिवहन मंत्रालय ने जारी की अहम रिपोर्ट

भारतीय सड़कों पर शाम 6 से रात 9 बजे तक का समय सबसे खतरनाक साबित हो रहा है। वर्ष 2021 के दौरान देशभर में जितने भी सड़क हादसे दर्ज हुए उनमें से ज्यादातर इसी समयावधि के दौरान हुए। यह खुलासा केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा ‘भारत में सड़क हादसे 2021’ शीर्षक से मंगलवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में हुआ है।

सबसे कम हादसों का समय मध्यरात्रि 12 से सुबह 6 बजे तक का रहा। साल 2021 के दौरान देश में कुल 4,12,432 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 1,53,972 लोगों की जान गई जबकि 3,84,448 लोग घायल हुए। खास बात यह रही कि ज्यादातर सड़क हादसे (95785) ओवरस्पीड के कारण हुए।

रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में हर रोज शाम 6 से रात 9 बजे के बीच हुए हादसों की संख्या, कुल हादसों का 20.7 फीसदी रहा। यही नहीं, इस समयावधि में हादसों का उक्त ट्रेंड बीते पांच साल से जारी है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर रोज ज्यादा सड़क हादसे होने की दूसरी समयावधि दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक की है, जिसमें 2021 के दौरान 17.8 फीसदी सड़क हादसे दर्ज हुए। वर्ष 2021 के दौरान देश भर में 4,12,432 सड़क हादसे हुए, जिनमें अधिकतम 85,179 हादसे शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच हुए जबकि 73,467 हादसे दोपहर 3 से शाम 6 बजे के बीच हुए। रिपोर्ट में सड़क हादसों बारे मासिक आधार पर दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 2021 के दौरान सबसे ज्यादा सड़क हादसे जनवरी में 40,305 दर्ज किए गए, जिनमें 14,575 लोगों की मौत हुई।

देशभर में सड़क हादसों में मरने वालों के बारे में रिपोर्ट ने यह खुलासा भी किया है कि कुल 4,12,432 हादसों में से 1,28,825 (31.2 फीसदी) राष्ट्रीय राजमार्गों व एक्सप्रेस-वे पर, 96,382 (23.4 फीसदी) हादसे स्टेट हाईवे पर और शेष 1,87,225 (45.4 फीसदी) अन्य सड़कों पर हुए। इनमें ज्यादातर मृतकों की उम्र 18-45 वर्ष है और यह कुल दुर्घटना मृत्यु का लगभग 67 प्रतिशत है। वर्ष 2021 के दौरान शीर्ष 10 राज्यों में, राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे ज्यादा सड़क हादसे तमिलनाडु में हुए जबकि सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं।

पंजाब में 2021 में हुए कुल 10983 सड़क हादसे

रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में वर्ष 2021 के दौरान 5871 सड़क हादसे हुए, जिनमें 4589 लोगों की मौत हुई। इन हादसों में 3072 लोग घायल भी हुए। सबसे गंभीर किस्म के सड़क हादसों की संख्या 4250 रही और इस मामले में पंजाब देश में 15वें स्थान पर रहा। सड़क हादसों में मौतों के मामले में पंजाब 78.2 फीसदी की दर से देश में तीसरे स्थान पर रहा।

राज्य में 2021 के दौरान कुल 10983 हादसे हुए, 4250 गंभीर हादसे, 1034 हादसों में लोगों को गंभीर चोटें आईं, 522 हादसों में मामूली चोटें आईं जबकि 65 हादसों में किसी को चोट नहीं पहुंची। इनमें से पंजाब से गुजरते राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2288 हादसे हुए, जिनमें 1950 लोगों की जान गई और 1100 लोग घायल हुए।

2020 के मुकाबले सड़क हादसे बढ़े

सड़क हादसों में मारे गए प्रति 100 लोगों के हिसाब से वर्ष 2020 में जहां हादसों की संख्या 36 फीसदी रही, वहीं 2021 में यह बढ़कर 37.3 फीसदी हो गई। 2021 के दौरान मिजोरम (81) में उच्चतम दुर्घटना गंभीरता दर्ज की गई। इसके बाद बिहार (80) और पंजाब (78) तीसरे नंबर पर रहे।

लगभग 60 फीसदी राज्यों में गंभीर सड़क हादसों की संख्या राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में सड़क हादसे और उनमें लोगों की मौत के आंकड़े राष्ट्रीय औसत से कम रहे जबकि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में हादसे और मौतों की संख्या राष्ट्रीय औसत से अधिक रही।

ओवरस्पीड ने ली 40450 लोगों की जान

वर्ष 2021 के दौरान ओवरस्पीड के कारण 95785 हादसे हुए जिनमें 40,450 मौतें हुईं। शराब पीकर वाहन चलाने वालों ने 2949 दुर्घटनाएं कीं, जिनमें 1352 लोगों की जान गई। वहीं, रांग साइड (गलत दिशा से) ड्राइविंग के कारण 5568 हादसे हुए, जिनमें 2823 लोगों ने जान गंवाई। रेड लाइट जंप करने के 555 मामलों में 222 लोगों की जान गई जबकि वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के कारण 1997 हादसे हुए, जिनमें 1040 लोगों की मौत हुई।

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