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Amritpal का Twitter Account बंद, 11k से अधिक थे फॉलोअर्स, ‘वारिस पंजाब दे’ का बना था मुखिया

केंद्र सरकार ने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के नए मुखिया अमृतपाल सिंह का ट्विटर खाता बंद करवा दिया है। अब तक इस खाते से अमृतपाल के 11 हजार फालोअर्स जुड़े थे। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से इस कार्रवाई के बारे में कोई कारण नहीं बताया है लेकिन माना जा रहा है कि यह कदम केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा अमृतपाल की गतिविधियों पर रखी जा रही नजर के तहत उठाया गया है। शुक्रवार को अमृतपाल के ट्विटर खाते को क्लिक करने पर यह संदेश दिखाई दे रहा है कि कानूनी नोटिस के मुताबिक खाता रोका गया है।

गौरतलब है कि दुबई निवासी अमृतपाल ने बीते सप्ताह जरनैल सिंह भिंडरावाला के गांव रोडे में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के नए मुखिया के तौर पर ओहदा संभालने के साथ ही वहां आयोजित समारोह में खुद को जरनैल सिंह भिंडरांवाला का अनुयायी बताते हुए सिख युवाओं को अगली जंग के लिए तैयार होने का आह्वान किया था।

अमृतपाल के खालिस्तान के पक्ष में शुरू किए गए अभियान को देखते हुए केंद्रीय एजेंसियों ने पंजाब सरकार और पुलिस से उसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी। खुफिया एजेंसियों ने अमृतपाल की दुबई में गतिविधियों और पंजाब आने पर मिल रही वित्तीय मदद करने वालों की तलाश शुरू कर दी है। अब तक कार्रवाई में केंद्र और पंजाब सरकार का मानना है कि अमृतपाल को पाकिस्तान की आईएसआई से मदद मिल रही है और उसे पंजाब में हिंसा फैलाने और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए भेजा गया है।

राजा वड़िंग ने अमृतपाल के बारे में डीजीपी को पत्र लिखा
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने डीजीपी को पत्र लिखकर अमृतपाल सिंह की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें और उनकी पार्टी को किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म के प्रचार से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन लोगों को हिंसा के लिए भड़काना अस्वीकार्य है।

डीजीपी को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि 29 सितंबर को मोगा जिले के गांव रोडे में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अमृतपाल ने जो कुछ कहा, उससे राज्य में लोगों के बीच चिंता बनी हुई है। जिस प्रकार के भाषण इस अवसर पर दिए गए वे एक धार्मिक कार्यक्रम से कोसों दूर थे। उन्हें कुछ बयान के अर्थों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।

वड़िंग ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पंजाब पुलिस पहले से मामले पर नजर रख रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि संगठन वारिस पंजाब दे का क्या उद्देश्य है और किस प्रकार अमृतपाल यहां पहुंचा, जो दुबई में सेटल था। उन्होंने कहा कि पंजाब हिंसा और खून-खराबे का एक अन्य दौर नहीं सहन कर सकता।

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