
मोहाली Chandigarh University कांड: मानव शृंखला बना छात्रों ने छात्राओं को हॉस्टल से निकाला, यूनिवर्सिटी ने जारी किया था ये फरमान
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में वीडियो कांड को लेकर रविवार को विद्यार्थियों का गुस्सा बढ़ता गया। इस बीच एक मैसेज वायरल हुआ कि विद्यार्थी शाम चार बजे गेट नंबर 2 पर इकट्ठा हो जाएं। यह देख चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने आदेश जारी कर दिया कि शाम साढ़े तीन बजे तक जिन विद्यार्थियों को कैंपस छोड़ना है, छोड़ दें। इसके बाद कोई नहीं जाएगा। शाम चार बजते ही पुलिस की टुकड़ी ने महिला छात्रावास को छावनी में तब्दील कर दिया तो छात्रों ने मोर्चा संभाल लिया और हंगामा कर दिया।
छात्रावास के दोनों मुख्य द्वार बंद कर दिए गए। इस दौरान पुलिस के उच्चाधिकारी भी पहुंच गए। मीडिया को देख पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज तो नहीं किया लेकिन उन्हें बाहर जरूर निकाल दिया। इस बीच लड़कों ने मानव शृंखला बनाकर हर हॉस्टल से लड़कियों को बाहर निकाला और यूनिवर्सिटी प्रशासन और पंजाब सरकार से न्याय की गुहार लगाई। छात्रों ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। विद्यार्थियों का आरोप है कि शनिवार रात पंजाब पुलिस और सीयू के सुरक्षाकर्मियों ने उन पर लाठीचार्ज किया और मारपीट की।
बातचीत के दौरान छात्राओं ने बताया कि इस दौरान एक छात्रा ने फिनायल भी पीने का प्रयास किया लेकिन अधिकारियों ने ऐसी घटना से इनकार किया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि वे पिछले 24 घंटे से सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रहे हैं लेकिन उनकी सारी पोस्ट अपने आप डिलीट हो जा रही हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने परिसर का वाई-फाई और इंटरनेट शनिवार रात से ही बंद कर दिया है।
छात्रावास में डर लग रहा, बस में एक सीट मिली है, जा रहे घर
छात्रावास की ए, बी, सी और डी ब्लॉक की लड़कियों को वार्डन ने संदेश भेजा कि अगर घर जाना है तो अपराह्न साढ़े तीन बजे से पहले निकल जाएं। अगर रात की बस या ट्रेन है तो गुरुद्वारे या हॉटल में जाकर ठहरें। दोपहर तीन बजे के बाद किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी। जम्मू की बीबीए पहले वर्ष की छात्रा ने बताया कि उन्हें रात की स्लीपर बस की एक टिकिट मिली है, चार लड़कियां अब एक ही सीट पर ही घर जा रही हैं क्योंकि छात्रावास में डर लग रहा है।
ऑटो और टैक्सी चालकों ने वसूला मनमाना किराया
सीयू में हंगामे का सबसे ज्यादा फायदा ऑटो चालकों और ओला व ऊबर चालकों ने उठाया। ऑटो चालकों ने सवारियों से ज्यादा किराया वसूला तो ओला व ऊबर चालकों ने लोगों से दोनों तरफ का टोल शुल्क भी वसूल लिया। सवारियों ने टोल शुल्क लेने पर आपत्ति जताई तो चालकों ने टोल से पहले ही उतरने की सलाह दे डाली। वहीं ऑटो चालकों ने लोगों से स्पष्ट कहा कि जो कम रुपये ले उसके साथ चले जाएं। लोगों को मजबूरन जाना था तो मनमाने दाम में जाना पड़ा। कुछ छात्राएं सामान लेकर अकेले ही जा रहीं थीं, वहीं कुछ छात्राओं के परिजन उन्हें लेने आ रहे थे।
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