
44 में से 13 करोड़ जन-धन खाते हुए डेड, केंद्र ने वित्त विभाग से खाते एक्टिव कराने को कहा
पंजाब के बैंकों में खुले कुल 44 करोड़ प्रधानमंत्री जन-धन खातों में से 13 करोड़ खाते पूरी तरह डेड हो चुके हैं। केंद्र सरकार ने राज्य के वित्त विभाग को बंद खातों के आंकड़े उपलब्ध कराते हुए इन्हें फिर से एक्टिव कराने के लिए हिदायतें जारी की हैं।
वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार इस संबंध में विभाग ने प्रयास शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। इसका मुख्य कारण यह है कि ज्यादातर बंद खातों के खाताधारकों ने जो पता लिखाया है, वह गलत है। उन्हें भेजे जा रहे पत्र बैरंग लौट रहे हैं। कुछ खाताधारकों ने इसलिए अपने जन-धन खाते बंद कर दिए हैं, क्योंकि उन्हें आज तक खाते से संबंधित डेबिट कार्ड ही जारी नहीं किए गए। वहीं, अनेक जन-धन खाते बैंकों ने भी फ्रीज कर दिए हैं।
केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब के वित्त विभाग से कहा गया है कि बंद खातों के खाताधारकों से पत्राचार कर संपर्क साधा जाए और उनसे खाता चालू रखने की अपील की जाए। केंद्र के इस निर्देश का अनुसरण करते हुए वित्त विभाग ने बैंकों से संपर्क कर बंद हुए जन-धन खातों के खाताधारकों के पते हासिल किए हैं और उनमें से कई खाताधारकों को पत्र भी भेजे हैं।
लेकिन ज्यादातर पत्र बैरंग लौट रहे हैं, क्योंकि बैंकों में दर्ज पतों पर अब खाताधारक नहीं रह रहे। वित्त विभाग के आंकड़ों के अनुसार कुल 44 करोड़ खातों में से 20 फीसदी खाते लंबे समय से डेड हैं। इनमें से अनेक खातों को बैंकों की ओर से डोरमैंट घोषित कर दिया गया है। दूसरी ओर जितने जन-धन खाते इस समय एक्टिव हैं, उनमें से 70 फीसदी खातों में मामूली लेन-देन ही हो रहा है। इस कारण बैंकों के लिए ये एक्टिव खाते भी बड़ा सिरदर्द बने हुए हैं।
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