
वेतन मिलने के बाद भी भड़के कर्मचारी, 14 सितंबर को चंडीगढ़ में करेंगे विशाल रैली
पंजाब सरकार ने अपने मुलाजिमों को छह दिन की देरी के बाद अगस्त माह का वेतन जारी किया। मगर अब लंबे समय से लंबित अपनी मांगों को लेकर आखिरकार प्रदेश के मुलाजिमों ने सूबे की नई सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है। साझा मुलाजिम मंच पंजाब और यूटी के बैनर तले पंजाब सरकार के कर्मचारी 14 सितंबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में विशाल रैली करेंगे। जहां कलम छोड़ हड़ताल जैसा फैसला लिया जा सकता है।
चंडीगढ़ में रैली का आयोजन पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रियल सर्विसेज यूनियन की ओर से घोषित जोनल स्तरीय रैलियों के समर्थन में किया जा रहा है। इसे लेकर बुधवार को साझा मुलाजिम मंच के चंडीगढ़ के पदाधिकारियों की एक बैठक हुई। इसमें सभी पदाधिकारी इस बात पर सहमत नजर आए कि आप सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव के समय मुलाजिमों से किए वादे पूरे करने की तरफ अब तक एक भी कदम नहीं उठाया गया, बल्कि अब मुलाजिमों को वेतन देने में भी देरी होने लगी है।
मंच के संयोजक रणजीव शर्मा, दविंदर सिंह बेनीपाल और जसमिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के साझे बयान में कहा गया है कि आप ने वादा किया था कि सत्ता में आते ही मुलाजिमों की लंबित मांगें, जिनमें पुरानी पेंशन बहाल करना, कच्चे मुलाजिमों को पक्का करना, डीए की बकाया किस्तें जारी करना, शामिल है, को लागू कर दिया जाएगा लेकिन अब तक मुलाजिमों को समय पर वेतन मिलने के बारे ही चिंता होने लगी है।
मंच के सूबा संयोजक और पंजाब सिविल स्टाफ एसोसिएशन के चेयरमैन सुखचैन सिंह खैरा ने कहा कि आप सरकार सोशल मीडिया की सरकार है, जिसने अब तक जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं किया है। साझा मुलाजिम मंच अपने सहयोगी मुलाजिम संगठनों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर लामबंदी करेगा, ताकि मुलाजिमों के किए वादों को पूरा कराया जा सके।
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