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Sad News – 44 घंटे बाद इंजीनियर सुरेश बाहर निकाला गया,नहीं बच पाई जान एंबुलेंस से डेड बॉडी को जालंधर सिविल अस्पताल लाया गया !

जालंधर के गांव बसरामपुर में एक गड्ढे में फंसे सुरेश का 44 घंटे बाद रेस्क्यू किया गया है। एनडीआरएफ और साथी पवन ने सुरेश की तलाश की। सुरेश के हाथ में चोट के निशान हैं। सुरेश को बाहर निकालते ही एंबुलेंस से सिविल अस्पताल ले जाया गया है। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि वह जीवित नहीं है। सुरेश हरियाणा के जींद जिले का रहने वाला है।

रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने से पहले एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा था कि सुरेश 20 फुट मिट्टी के नीचे दबा है, हालांकि अब तक 70 से 80 फीट तक खोदाई हो चुकी है। एनडीआरएफ की टीम ने 38 घंटे में तीन बार रेस्क्यू करने की कोशिश की लेकिन मिट्टी खिसकने से हर बार नाकाम रहे। रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी बाधा रेतीली मिट्टी है। इसके अलावा पास में ही छप्पड़ बना हुआ है जिससे मिट्टी में नमी है। जब तक कुछ मिट्टी मशीनों के जरिए निकाली जाती है उससे ज्यादा खिसक जाती है।

पवन ने बताया कि सुबह करीब 6 बजे सुरेश उन्हें दिखाई दिया तो वह एनडीआरएफ टीम के साथी के साथ नीचे उतरे और बेल्ट में हुक फंसा दिया। तभी अचानक से मिट्टी सरकी और सुरेश फिर दूर हो गया। पवन ने कहा कि यह मेरी गलती थी कि मैं सुरेश की बात मानकर पानी पीने ऊपर आ गया। इसी दौरान मिट्टी खिसकने से वह दब गया।

बोरिंग मशीन ठीक करने उतरा था बोरवेल में

करतारपुर-कपूरथला रोड पर गांव बसरामपुर में कंस्ट्रक्शन कंपनी की बोरिंग मशीन फंस गई थी, जिसे निकालने के लिए दो तकनीकी विशेषज्ञों पवन और सुरेश को दिल्ली से बुलाया गया था। बोर की सफाई करते समय अचानक ऊपर से मिट्टी खिसकने से सुरेश नीचे ही फंस गया। मिट्टी हटाने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा था।

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